Do You Want To Increase Your Height ? क्या आप अपनी लम्बाई बढ़ाना चाहते हैं ?


आज के समय में हर कोई अपनी लम्बाई बढ़ाना चाहता है। एक आदर्श लम्बाई को व्यक्ति का पैमाना माना जाता है। लड़के हों या लड़कियाँ, सभी की हार्दिक इच्छा यही रहती है कि वे छरहरे बनकर आकर्षक व्यक्तित्त्व के स्वामी बनें। लम्बाई बढ़ाने की औषधियों से बाज़ार भी अटा पड़ा है। महंगे कैप्सूल खाने पड़े या हार्मोन के टीके ही क्यों लगवाने पड़े, किन्तु चंद इंच बढ़ाने के लिए आज का युवा वर्ग हर नुस्खा आजमाने के लिए तैयार दिखता है। 
     लम्बाई बढ़ाने के लिए शरीर के अंदर स्थित अनेक हार्मोनों का बहुत बड़ा योगदान होता है। इनमें पीयूष ग्रंथि में बनने वाला ग्रोथ हार्मोन और अवटु ग्रंथि में बने थाइराइड हार्मोन सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं। किसी युवक या युवती के शरीर में किसी हार्मोन की कमी हो तो शरीर का विकास रुक-सा जाता है और लम्बाई बढ़ नहीं पाती है। शरीर में किस हार्मोन की कमी है, उसकी जाँच करवानी होती है। 
     शरीर में हार्मोन की कमी होने से उसके अनेक लक्षण भी सामने आने लगते हैं। हार्मोन की कमी से सिर्फ शरीर की लम्बाई अवरुद्ध हो जाती है बल्कि मानसिक विकास भी पीछे छूट जाता है। परन्तु जब तक किसी हार्मोन के कम होने की पुष्टि हो जाए, हार्मोन के टीके लगवाना सर्वथा अनुचित है। इससे गंभीर समस्या भी उत्पन्न हो सकती हैं।
     ग्रोथ हार्मोन के टीके लेने से व्यक्ति मधुमेह (डायबिटीज की बीमारी से ग्रस्त) हो सकता है। शरीर का रूप आकार भी इससे असंतुलित होने का खतरा रहता है। बिना वजह, बिना जानकारी के हार्मोन का टीका लेना बेहद खतरनाक माना जाता है। किसी बाल विशेषज्ञ या एंड्रोकाईन विशेषज्ञ से राय लेने के बाद ही हार्मोनवर्द्धक औषधियाँ या टीका लेनी चाहिए। 
     सच्चाई यह है कि लम्बाई एक उम्र तक ही बढ़ती है। एक बार हड्डियों के अधिवर्ध (वृद्धि लाने वाले छोर) बंद हो जाए तो कोई भी औषधि लम्बाई नहीं बढ़ा सकती। भारतीय जलवायु के अनुसार लड़कियों में लम्बाई बढ़ने की प्रक्रिया 16-17 वर्ष तक तथा लड़कों में 18 वर्ष तक की उम्र तक पूरी हो जाती है। इसके बाद लम्बाई बढ़ाने की कोई भी प्रक्रिया प्रायः कारगर नहीं होती है। 
     लम्बाई बढ़ाने का जुनून आज के समय में हर किसी लड़के-लड़कियों में प्रायः देखने को मिल जाती है। छोटा कद या ठिंगना कद आज के समय में किसी को भी रास नहीं आता। प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक डॉ० आरती के अनुसार मोहब्बत की भावना पिट्यूटरी ग्रंथि में बनने वाले ग्रोथ हार्मोन की रिसाव को बढ़ा देता है और लम्बाई बढ़ती है। 
     डॉ० आरती ने अपने शोध में 150 लड़के-लड़कियों को शामिल किया। अध्ध्यन के दौरान यह पाया कि जो लड़के-लड़कियाँ प्यार की भावना में रत थें उनकी लम्बाई उचित हद तक थी और जो प्यार की भावना से दूर थे, उनका कद उम्र के अनुपात में कम था। शोध अध्ध्यन के बाद डॉ० आरती ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि विपरीत लिंगी प्रेम के कारण भी ग्रोथ हार्मोन में विकास होता है। 16-20 वर्ष तक के अंदर किया जानेवाला प्यार लम्बाई बढ़ाने में सहायक हो सकता है। 
     उचित खान-पान, उचित व्यायाम, खेलकूद, नियमित दिनचर्या का प्रभाव भी लम्बाई वृद्धि में सहायक होती है। चौराहों या पत्र-पत्रिकाओं में किसी भी उम्र में लम्बाई बढ़ाने का खुल्लमखुल्ला दावा ठोकने वालों से सावधान रहने की आवश्यकता है, क्योंकि एक उचित उम्र के बाद लम्बाई बढ़ने की प्रक्रिया समाप्त हो जाती हैऔर कोई भी औषधि लम्बाई बढ़ाने में कारगर सिद्ध नहीं हो सकती है। 
     कुछ घटनायें ऐसी भी सामने चुकी हैं कि लम्बाई बढ़ाने की जुनून में चौराहों पर बिकने वाली दवाओं के कुप्रभाव से उदर सम्बन्धी अनेक प्रकार की बीमारियाँ उत्पन्न हो गयीं। गर्भाशय का विकार, प्रजनन शक्ति में ह्रास, स्तन शिथिलता, अनियमित मासिक आदि अनेकानेक उपद्रव इन औषधियों के प्रयोग से शुरू हो सकते हैं। अतः आनुवंशिक अगर कोई कारण हो तो लम्बाई स्वयमेव बढ़ेगी। इसके लिए चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है।  

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