कई महिलाएं गर्मी के मौसम में ऊपरी तौर पर सिर्फ शरीर को ही चुस्त-दुरुस्त रखने का प्रयास करती हैं। जबकि ग्रीष्म ऋतु के आते ही त्वचा एवं बालों संबंधित अनेक समस्याएँ आ खड़ी होती हैं,जिन्हे चिलचिलाती धूप से बचाना बेहद जरूरी है। चिलचिलाती धूप से अपनी त्वचा की रक्षा करने के लिए इन उपायों को किया जाना चाहिए :-
मौसम की तपिश से बचने के लिए त्वचा पर उत्तम किस्म के मॉइश्चराइजर का प्रयोग करना चाहिए ।
गर्मी में त्वचा पर साबुन का प्रयोग नही करना चाहिए, क्योंकि इससे त्वचा में जलन पैदा हो सकती है । शरीर को साफ़ रखने के लिए टोनर या एजिस्ट्रजेंट का प्रयोग करना चाहिए ।
त्वचा को तेज धुप में मौजूद पराबैंगनी ( अल्ट्रावायलेट ) किरणों से सुरक्षित रखने के लिए उस पर 25-30 एसपीएफ के सनस्क्रीन लोशन का लेप लगाएं। सनबर्न की स्थिति में त्वचा पर प्रत्येक 2-4 घंटे में बर्फ के पानी में लैवेंडर के तेल की कुछ बूंदों को डालकर शरीर पर लगाते रहना चाहिए। पराबैंगनी किरणों के हानिप्रद प्रभावों से बचने के लिए त्वचा की समुचित देखभाल होनी चाहिए।
सोने के पहले मेकअप उतार कर त्वचा को टोन कर लें, ताकि त्वचा के छिद्र अच्छी तरह सांस ले सके ।
गर्मी में स्नान करने के लिए रखे जल में लैवेंडर का तेल मिला देने से शरीर दिनभर चुस्त-दुरुस्त बना रहता है, साथ ही शरीर को ठंढ़क व ताजगी मिलती है।
गर्मी में तैलीय व मसालेदार भोजनों से बचना चाहिए, साथ ही प्रचूर मात्रा में पानी पीना चाहिए। इस मौसम में 15-20 गिलास पानी प्रत्येक वयस्क को पीना चाहिए। इससे शरीर में बनने वाले सभी दूषित व विषाक्त मूत्र तथा पसीने के माध्यम से निकल जाते हैं तथा त्वचा सौम्य बनी रहती है।
गर्मी में चाय या कॉफी कम-से-कम पीनी चाहिए। जानकारों के अनुसार चाय या कॉफ़ी पीने से पसीना अधिक निकलता है और त्वचा चिपचिपी हो जाती है ।
गर्मी में फलों का रस पीना भी लाभकारी होता है। ताजे फलों और सलाद का सेवन करते रहने से तन और मन दोनों ही स्वस्थ एवं सुन्दर बने रहते हैं।
क्लीजिंग मिल्क या फेसवॉश को अच्छी तरह साफ करें। त्वचा पर मृत कोशिकाओं को हटाने के लिए सप्ताह में एक या दो बार चेहरे पर स्क्रब अवश्य करें।
इस तरह गर्मी की तपन से बचाकर त्वचा को सुन्दर व स्वस्थ बनाए रखा जा सकता है।
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